माता-पिता के जीवन में बच्चे का आगमन हर्ष का विषय है। ऐसे ही अवसरों को ध्यान में रखकर बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है -“चाइल्ड लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, जो बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने की आर्थिक जिम्मेदारी अपने कन्धों पर लेता है।
जैसे ही नवजात शिशु की किलकारी घर के आंगन में गूंजती है माता- पिता अपने नन्हे -मुन्ने के सुनहरे भविष्य का सपना बुनना शुरू कर देते हैं। परन्तु इन सपनों के साकार होने के लिए दो चीज़े बेहद जरुरी है। पहला आपका उसके आस - पास रहना और दूसरा बच्चे की जरुरत के समय वक्त पर पैसा। सोंचिये आज से 10 -15 साल बाद जब आपका बच्चा देश के जाने माने प्रोफेशनल कॉलेज का ऑफर लैटर ले कर आपके सामने आएगा, तो उसकी कामियाबी को हकीकत में बदलने के लिए आपकी तैयारी भी तो पूरी होनी चाहिए।
क्या है चाइल्ड लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी-
यह ऐसा इंश्योरेंस प्लान है जिसका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षा देना है। यह प्लान उन अभिभावकों के लिए खास तौर पर बना है, जिनके बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं, और वह उनके भविष्य को जल्द से जल्द सुरक्षित करना चाहते हैं। इस प्लान में अभिभावक पॉलिसीहोल्डर होता है और बच्चा बेनीफीशयरी। यह एक लम्बे समय का निवेश है जिसमें इन्वेस्टमेंट भी है और सेविंग्स भी। इस प्लान से जो भी लाभ मिलता है, वह बच्चे के भविष्य से जुडी योजनाओं को पूरा करने में खर्च किया जाता है। जैसे देश -विदेश में उच्च शिक्षा पाना, पेशेवर खिलाडी बनना, कोई व्यवसाय करना, या फिर विवाह या बीमारी के समय होने वाले खर्चे के समय धन की जरूरतों को पूरा करना। इसके अलावा भी कई और समस्याएँ अचानक बच्चे की तरक्की के रास्ते में आ सकते हैं जिन्हें समय से चाइल्ड प्लान में किये गए निवेश के द्वारा दूर किया जा सकता है।
चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान की सबसे खास बात यह है कि यदि प्रीमियम भरने वाले अभिभावक की पॉलिसी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो पॉलिसी फिर भी लैप्स नहीं होती, और भविष्य में जो भी प्रीमियम देना है, वह सब माफ़ हो जाता है। लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनी के चाइल्ड प्लान में वेवर ऑफ़ प्रीमियम फीचर इनबिल्ट होता है। इसके अलावा इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीहोल्डर की और से पैसे का निवेश करना जारी रखती है और एक निश्चित समय पर कुल जमा हो चुकी बीमा राशि का भुगतान बेनीफीशयरी को कर दिया जाता है।
और यदि पॉलिसीहोल्डर जीवित है, और पॉलिसी मैच्योर हो जाती है तो पॉलिसी के आधार पर जो भी रकम बनती है, वह पॉलिसीहोल्डर को दे दिया जाता है। इस तरह के प्लान में प्रीमियम का पैसा देने वाला माता या पिता को लाइफ इंश्योरेंस का कवरेज मिलता है, और पॉलिसी का फायदा बच्चे को।
चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान कितने तरह के होते हैं –
ये आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) और पारम्परिक एंडोमेंट प्लान । आमतौर पर एन्डोमेन्ट प्लान के रिटर्न्स निश्चित होते हैं और इसमें बोनस के साथ सम ऐशयॉर्ड मिलता है, वहीँ ULIP में पैसा बाजार में लगाया जाता है और पॉलिसी मैच्योर होने पर मिलने वाला पैसा भी बाजार के उतार -चढ़ाव पर पर निर्भर करता है। ULIP लेने का फायदा तभी है अगर वह लम्बे समय के लिए लिया गया हो।
चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी जल्दी लेने की क्या आवश्यकता है –
समय से किया गया पैसों का निवेश भविष्य के लिए फायदेमंद होता है। इन्फ्लेशन की वजह से रूपये की कीमत में लगातार कमी होती रहती है। इसके साथ अगर शिक्षा के क्षेत्र की बात की जाए तो उच्च शिक्षा में होने वाले धन के खर्चे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आज अगर विदेश से मास्टर्स का कोर्स करने में 45 से 50 लाख के बीच का खर्चा आता है तो आने वाले 15 साल में इन्फ्लेशन की वजह से यही खर्चा बढ़कर तीन गुना तक हो जायेगा। यही अंतर अपने देश में शिक्षा हासिल करने पर भी पड़ेगा। इसलिए अगर आज से ही पैसे का प्लानिंग सही ढंग से नहीं किया गया, तो आने वाले समय में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा चाइल्ड लाइफ इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलता है, तथा इस प्लान से मिलने वाले फ़ायदे पर भी इनकम टैक्स के सेक्शन 10 (10D) के तहत छूट है।
ध्यान रखने योग्य बातें -
बाजार में कई चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान है, जैसे- LIC जीवन अंकुर , रिलायंस चाइल्ड प्लान ,ICICI प्रू स्मार्ट किड एशयोर प्लान , मैक्स लाइफ शिक्षा प्लस सुपर आदि। प्लान चाहे किसी भी इंश्योरेंस कंपनी का हो, मगर प्लान का लचीला होना जरुरी है। वह ऐसा होना चाहिए जिसमें जरुरत पड़ने पर लोन लिया जा सके, या बीच में पैसा निकाला जा सके। इनमें अलग से राइडर्स लेने की सुविधा भी होनी चाहिए, जैसे- एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर और एक्सीडेंटल टोटल एंड परमानेन्ट डिसएबिलिटी राइडर, जिससे चाइल्ड प्लान के कवरेज का दायरा बढ़ाया जा सके। इसी के साथ प्लान लेते समय विभिन्न कंपनियों के प्लान में मिलने वाले फायदे जैसे- डेथ बेनिफिट, मेच्योरिटी बेनिफिट, बोनस और रिटर्न्स आदि की तुलना भी अवश्य करें। कुल मिलाकर देखा जाए तो बच्चों को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने का इससे बेहतर तरीका और कोई नहीं है। समय रहते शुरू की गई पॉलिसी आपके साथ भी और आपके बाद भी बच्चों को आर्थिक मदद देता रहेगा।
लेख में लिखी गई बातें जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। इस विषय को गहराई से जानने के लिए बाजार में मौज़ूद लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों से सीधे जानकारी प्राप्त करें।