क्या है ट्रैवल इंश्योरेंस और हमें यह क्यों खरीदना चाहिए ?
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यात्रा बीमा के प्रकार
डोमेस्टिक ट्रैवल इंश्योरेंस | अंतर्राष्ट्रीय यात्रा बीमा | चिकित्सा यात्रा बीमा या मैडिकल ट्रैवल इंश्योरेंस | छात्र यात्रा बीमा / स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस | सीनियर सिटीज़न ट्रैवल इंश्योरेंस | मल्टी-ट्रिप ट्रैवल इंश्योरेंस | ग्रुप ट्रैवल इंश्योरेंस | |
पॉलिसी के बारे में जानकारी | कोई भी व्यक्ति जो अपने देश के भीतर सड़क या हवाई रास्ते से नौकरी, कारोबार या घूमने के मतलब से यात्रा करता है, वह डोमेस्टिक ट्रैवल इंश्योरेंस ले सकता है। यह इंश्योरेंस सफर के दौरान सामने आने वाली कई तरह की समस्याओं से निपटने में मदद करता है। | अपने देश से बाहर किसी अन्य देश में यात्रा के लिए जाते समय लिया जाने वाला इंश्योरेंस कवर है। यह कई तरह के होते हैं जैसे- कारोबार के सिलसिले में, उच्च शिक्षा पाने के लिए, घूमने के लिए, या किसी अन्य कारण से विदेश यात्रा करना। यह सफर के दौरान अचानक पैदा होने वाली ऐसी परेशानियों को कवर करता है जिनकी वजह से सफर का मजा किरकिरा हो जाता है। | यह इंश्योरेंस विदेश यात्रा के दौरान लिया जाने वाला इंश्योरेंस है जो खास तौर पर विदेश में महँगे इलाज के खर्च को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसे विदेश यात्रा में जाते समय कोई भी ले सकता है , चाहे वह अकेला व्यक्ति हो , परिवार हो , छात्र हो , सीनियर सिटीजन हो या कोई और। | यह इंश्योरेंस उन छात्रों के लिए है जो उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश में पढ़ने जाते हैं। विदेश में निवास के दौरान छात्र को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है , जिन्हें स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस की मदद से काफी हद तक दूर किया जा सकता है। | यह 70 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए बनाया गया ट्रैवल इंश्योरेंस प्लान है, जो सफर के दौरान इस उम्र के लोगों की खास जरूरतों को ध्यान में रखता है। | इसमें एक साल के अंदर कई बार सफर करने वाले यात्री को एक ट्रैवल इंश्योरेंस पूरे साल के लिए कवर करता है। इसमें हर ट्रिप के लिए अलग से इंश्योरेंस लेने की जरुरत नहीं पड़ती। | यह उन लोगों के द्वारा लिया जाता है, जो किसी भी वजह से एक ग्रुप में यात्रा पर निकलते हैं, जैसे – एक साथ सरकारी दौरे पर या बिज़नेस ट्रिप पर जाना । यह ग्रुप 5 या उससे अधिक लोगों का होता है। ग्रुप ट्रेवल इंश्योरेंस देश और विदेश दोनों जगहों के लिए उपलब्ध है, और इसे सिंगल और मल्टीपल ट्रिप दोनों के लिए लिया जा सकता है। |
कवरेज | • यह मुख्य रूप से व्यक्तिगत दुर्घटना ,आकस्मिक मृत्यु और विकलांगता को कवर करता है। • कवरेज इस बात पर भी निर्भर करता है कि सफर कितने समय का है, और किस जगह के लिए है। |
इसमें एक अकेला व्यक्ति या एक पॉलिसी के अंदर एक से अधिक व्यक्ति को कवर किया जाता है। यह मुख्य रूप से सफर के दौरान अचानक बीमार पड़ना, दुर्घटना होना, चेक्ड इन सामान के साथ समस्या , पासपोर्ट या जरुरी कागज़ का गुम हो जाना,फ्लाइट में देरी या कैंसिल होना जैसी समस्याओं को कवर करता है। | यह मुख्य रूप से विदेश में होने वाले महँगे इलाज का खर्चा उठाता है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और डिस्चार्ज के बाद का खर्चा भी इन्श्योर्ड होता है। सर्जरी और दाँत से जुडी बीमारी इसमें कवर्ड है। | • यह मुख्य रूप से विदेश में महँगे इलाज का खर्चा , ट्यूशन फ़ीस, क्रेडिट कार्ड से जुड़ी समस्या , आकस्मिक खर्चा जैसी चीज़ों को कवर करता है। • अगर चाहें तो इसमें बेल बॉन्ड का कवरेज भी ले सकते हैं। |
• यह मुख्य रूप से बीमारी, दुर्घटना और स्वास्थ्य से जुडी समस्याओं को कवर करता है, बीमारी में देख-भाल करने के लिए सहायक की सुविधा भी देता है। • सफर के दौरान सामान का खो जाना , पासपोर्ट खो जाना , इमरजेंसी में नकद पैसों का बंदोबस्त करना भी शामिल है। |
यह केवल एक व्यक्ति को साल भर के लिए कवर करता है। | इसमें चेक्ड इन सामान का गुम हो जाना , सफर में देरी होना, कनेक्टिंग फ्लाइट छूट जाना, मेडिकल इमरजेंसी हो जाना, जरुरी कागज़ या पासपोर्ट गुम हो जाना, हवाई जहाज़ का हाईजैक हो जाना, ट्रिप कैंसिल हो जाना शामिल है। |
पॉलिसी की अवधि | यह पॉलिसी एक दिन से लेकर एक साल तक के लिए ली जा सकती है। | पॉलिसी की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि इंटरनेशनल ट्रेवल इंश्योरेंस किस तरह का लिया गया है, जैसे छुट्टियाँ मनाने गए हैं तो प्लान चंद दिनों का होगा, लेकिन अगर उच्च शिक्षा के लिए गए हैं, तो 2-4 साल का होगा। आम तौर पर ट्रिप शुरू होने के पहले दिन से ट्रिप के अंतिम दिन तक पॉलिसी कवरेज देती है। | जितने समय के लिए पॉलिसीहोल्डर विदेश यात्रा पर जाता है, उतने समय के लिए यह इंश्योरेंस लिया जाता है। | आमतौर पर यह पॉलिसी एक महीने से लेकर दो साल तक के लिए होती है जिसे आगे 4 साल तक बढ़ाया जा सकता है। | आमतौर पर यह पॉलिसी एक महीने से लेकर एक साल तक के लिए ली जा सकती है। | यह एक साल के लिए लिया जाता है, जिसमे एक साल के अंदर कई बार ट्रिप लगाया जा सकता है। अलग अलग प्लान के हिसाब से एक बार का ट्रिप ज्यादा से ज्यादा 30 दिन, 45 दिन या 60 दिन का होता है। साल भर के बाद पालिसी रिन्यू होती है। | यह ट्रिप शुरू होने के पहले दिन से ट्रिप के अंतिम दिन तक कवरेज देता है। |
प्रीमियम | यह इस बात पर निर्भर करता है कि पॉलिसी कितने समय के लिए लिया गया है। | यह कई बातों पर निर्भर करता है , जैसे – • अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की वजह क्या है - उच्च शिक्षा, कारोबार, छुट्टियाँ मनाना आदि। • किस जगह की यात्रा की जा रही है - एशिया ट्रिप, यूरोप ट्रिप, अमेरिका और कनाडा का ट्रिप, शिनगेन देशों की यात्रा आदि। • यात्रा सिंगल ट्रिप है, या मल्टीपल ट्रिप • एक अकेला व्यक्ति यात्रा पर है, या अनेक लोग एक साथ यात्रा पर हैं। |
क्योंकि ट्रैवल इंश्योरेंस के साथ ट्रैवल मेडिकल इंश्योरेंस लिया जाता है , तो प्रीमियम इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रैवल इंश्योरेंस का कौन सा प्लान लिया गया है, और विदेश में कितने समय तक रहना है। | यह छात्र की जरूरतों पर निर्भर करता है कि कौन सा प्लान लिया है, उसमें कौन कौन सी अतिरिक्त सुविधाएँ ली गई हैं और कितने समय के लिए लिया गया है। | यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सा प्लान लिया गया है, उसका कवरेज क्या है, उसमें कौन कौन सी अतिरिक्त सुविधाएँ हैं और प्लान कितने समय के लिए लिया गया है। | प्रीमियम साल में एक बार दिया जाता है, और इसकी राशि इस बात पर निर्भर करती है कि ट्रिप किस जगह का है, कवरेज कितना चाहिए ,और ट्रिप कितने दिन का होगा। | ग्रुप ट्रैवल इंश्योरेंस लेने पर प्रीमियम में काफी बचत होती है। इसमें प्लान कौन सा लिया गया है, कहाँ के लिए लिया गया है, और कितने समय के लिए लिया गया है, प्रीमियम उस पर निर्भर करता है। |
मेडिकल इमरजेंसी | • सफर के दौरान अचानक जरुरत पड़ने पर तुंरत इलाज का बंदोबस्त किया जाता है। इसमें पहले से चली आ रही बीमारी शामिल नहीं होती। • अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज से जुड़े सारे खर्चों का भुगतान किया जाता है। |
• सफर के दौरान अचानक तबियत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराने और इलाज से जुड़े खर्चों को कवर करता है। • यात्रा के समय दुर्घटना के कारण विकलांग होने पर, या मृत्यु होने पर मुआवज़ा दिया जाता है। • विदेश में अगर मृत्यु हो जाती है तो बॉडी को वापस अपने घर तक पहुँचाने का खर्चा दिया जाता है। |
• परदेस में समय गुज़ारते समय अगर किसी तरह की बीमारी से सामना होता है तो अस्पताल में भर्ती होने से लेकर उससे पहले और बाद का इलाज भी इंश्योरेंस में कवर्ड होता है। यही सब बातें दुर्घटना होने पर भी लागू होती है। • अगर दुर्घटना के कारण कुछ समय के लिए या सदा के लिए व्यक्ति विकलांगता का शिकार हो जाता है तो उसे भी पॉलिसी में कवर किया जाता है। • अगर ऐसे समय परिवार के सदस्य की उपस्तिथि जरुरी होती है , तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार के एक सदस्य के आने जाने का खर्चा उठाती है। • परदेस में समय गुज़ारते समय अगर किसी तरह की बीमारी से सामना होता है तो अस्पताल में भर्ती होने से लेकर उससे पहले और बाद का इलाज भी इंश्योरेंस में कवर्ड होता है। यही सब बातें दुर्घटना होने पर भी लागू होती है। • अगर दुर्घटना के कारण कुछ समय के लिए या सदा के लिए व्यक्ति विकलांगता का शिकार हो जाता है तो उसे भी पॉलिसी में कवर किया जाता है। • अगर ऐसे समय परिवार के सदस्य की उपस्तिथि जरुरी होती है , तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार के एक सदस्य के आने जाने का खर्चा उठाती है। |
• अगर छात्र दुर्घटना का शिकार होता है, या बीमार होता है तो अस्पताल में भर्ती होने से लेकर इलाज तक का खर्चा कवर होता है। • अगर ऐसे समय परिवार के सदस्य की उपस्तिथि जरुरी होती है , तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार के एक सदस्य के आने जाने का खर्चा उठाती है। |
मेडिकल इमरजेंसी की वजह से अपने देश वापस वापस लौटना पड़े तो उसे कवर करता है । सफर के दौरान बीमार होने पर या दुर्घटना ग्रस्त होने पर अस्पताल और इलाज की जिम्मेदारी उठता है। | सफर के दौरान अचानक इलाज की जरुरत पड़ने पर इमरजेंसी में अस्पताल ले जाने का खर्चा, और अस्पताल में इलाज से जुड़े अन्य खर्चों को कवर करता है। दुर्घटना होने पर भी यह सभी सुविधा मिलती है। लगातार 24 घंटे से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहने पर प्रतिदिन के हिसाब से नकद पैसे दिये जाने की सुविधा है। अलग अलग प्लान के हिसाब से दांत से जुडी बीमारी का इलाज भी कवर्ड है। | स्वास्थ्य खराब होने की समस्या होने पर घर वापस आने की सुविधा दी जाती है। सफर के दौरान अचानक इलाज की जरुरत पड़ने पर कैशलेस इलाज की भी सुविधा होती है। |
पॉलिसी लेने की उम्र | इस पॉलिसी को लेने के लिए पॉलिसीहोल्डर को कम से कम18 वर्ष का होना चाहिए ,लेकिन पॉलिसी के अंदर कवर्ड व्यक्ति के लिए आमतौर पर उम्र की कोई बाधा नहीं है। | अलग अलग इंश्योरेंस कम्पनियों के प्लान के मुताबिक यह प्लान लेने की उम्र कम से कम 3-6 महीने, और अधिक से अधिक 60 से 75 साल है। | यह निर्भर करता है लिए गए प्लान पर, क्योंकि स्टूडेंट वीज़ा 16 साल में मिल जाता है , वहीँ सीनियर सिटीजन का प्लान 70 साल में मिलता है। लेकिन आमतौर पर एक वयस्क यह प्लान ले सकता है। | जिस समय छात्र के पास विदेश में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट वीज़ा होता है , तब वह यह पॉलिसी ले सकता है, जो आमतौर पर 16-40 की उम्र होती है। | 70 साल से ऊपर और 80 साल तक की उम्र के लोगों के लिए यह पॉलिसी है। | इस पॉलिसी को लेने के लिए पॉलिसीहोल्डर को कम से कम 18 वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 70 वर्ष का होना चाहिए। | कोई भी बालिग इसमें शामिल हो सकता है। अगर ग्रुप में 65 साल से अधिक उम्र के लोग हैं , तो इंश्योरेंस कंपनी उन्हें बाकी ग्रुप के लोगों जितना कवर देने में आनाकानी कर सकती है, या उसके लिए अतिरिक्त पैसों की माँग कर सकती है। |
सफर में देरी / रदद होना | • पॉलिसी में कवर होने वाली वजहों से अगर सफर रदद होता है, या सफर में देरी होती है , तो होटल आदि जगहों पर रुकने का खर्चा दिया जाता है।. • पॉलिसी में कवर्ड किसी कारण से अगर हवाई जहाज़ छूट जाता है तो टिकट का खर्चा दिया जाता है। |
• पॉलिसी में कवर होने वाली वजहों से अगर सफर रदद होता है, या सफर में देरी होती है , तो होटल आदि जगहों पर रुकने का खर्चा दिया जाता है।. • पॉलिसी में कवर्ड किसी कारण से अगर कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो जाता है तो इससे जुडी समस्या के खर्चे को कवर करती है। |
अगर पॉलिसी में कवर्ड वजहों से सफर में देरी होती है, तो इससे जुड़े खर्चों को पॉलिसी कवर करता है। | अगर पॉलिसी में कवर्ड वजहों से विदेश जाते समय या घर आते समय सफर में देरी होती है, तो इससे जुड़े खर्चों को पॉलिसी कवर करता है। | अगर पॉलिसी में कवर्ड वजहों से सफर में देरी होती है, तो इससे जुड़े खर्चों को पॉलिसी में कवर किया जाता है । | पॉलिसी में कवर होने वाली वजहों से अगर सफर रदद होता है, या सफर में देरी होती है, तो होटल आदि जगहों पर रुकने का और सफर जारी रखने का खर्चा दिया जाता है। | पॉलिसी में कवर होने वाले कारणों से अगर सफर रदद होता है, या सफर में देरी होती है, तो होटल में रुकने का और सफर का खर्चा दिया जाता है। |
अन्य फ़ायदे | • 24 x 7 इमरजेंसी में सहायता • सफर में सामान खो जाने पर पैसों का भुगतान • अस्पताल में भर्ती होने पर परिवार के एक सदस्य को आने जाने का खर्चा दिया जाता है। • सफर के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मुआवज़ा, और मृत शरीर को घर तक पहुँचाने का खर्चा दिया जाता है। |
• 24 x 7 इमरजेंसी में सहायता • रुपये पैसों की चोरी हो जाने पर, इमरजेंसी में पैसों की सहायता। • हवाई जहाज़ हाईजैक होने पर कवर • थर्ड पार्टी कवर • ज्यादातर कंपनियां पॉलिसी से पहले मेडिकल टेस्ट की माँग नहीं करती हैं । • सफर के समय घर में होने वाली चोरी भी कवर्ड है |
• प्रीमियम में थोड़ा ज्यादा पैसा देने पर पुरानी बीमारियाँ भी पॉलिसी में कवर हो जाती है, जिसे प्री एग्ज़िस्टिंग बीमारी कहते हैं। • विदेश में मृत्यु होने पर, दुर्घटना होने पर या बीमारी के कारण घर वापस लौटना पड़े तो वापसी का खर्चा इन्श्योर्ड होता है। • हवाई दुर्घटना में मृत्यु इन्श्योर्ड होता है। • ट्रैवल इंश्योरेंस में मिलने वाले बेसिक फायदे भी मिलते हैं। |
• बच्चे की जरुरत के हिसाब से प्लान लिया जा सकता है। • पासपोर्ट खो जाने पर नया पासपोर्ट बनाने का खर्चा देती है। • सफर में सामान खो जाना कवर्ड है। • अगर छात्र के स्पोंसर की मृत्यु हो जाती है, तो उसके ट्यूशन फ़ीस को कवर करता है। • अगर किसी कवर्ड वजह से पढ़ाई में रुकावट होती है तो दिए जा चुके ट्यूशन फ़ीस को कवर करता है • विदेश में मृत्यु होने पर शव को घर ले जाते समय या विदेश में दफनाते समय किया गया खर्चा। • अगर कॉमन कैरिअर से सफर करते समय दुर्घटना होती है, और साल भर से पहले उस वजह से विकलांगता हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी इसे पॉलिसी में कवर करता है। |
• हवाई जहाज़ के टिकट पर डिस्काउंट • प्रीमियम पर टैक्स बेनिफिट • कुछ इंश्योरेंस कम्पनियों द्वारा कैशलेस इलाज की सुविधा। • पासपोर्ट खो जाने पर नया पासपोर्ट बनाने का खर्चा । • विदेश में मृत्यु होने पर शव को घर ले जाते समय किया गया खर्चा। • थर्ड पार्टी के प्रति अगर कोई लाएबिलिटी बनती है तो वह कवर्ड है।अगर पॉलिसी में कवर्ड वजहों से सफर में देरी होती है, तो इससे जुड़े खर्चों को पॉलिसी में कवर किया जाता है । |
• 24 x 7 इमरजेंसी में सहायता • घर में चोरी जैसी घटना होने पर कवरेज • इसके साथ मेडिकल इंश्योरेंस भी लिया जा सकता है। • पॉलिसी लेने से पहले मेडिकल चेक अप की जरुरत नहीं है। • सफर के दौरान दुर्घटना से होने वाली विकलांगता या मृत्यु को पॉलिसी कवर करता है। • व्यक्तिगत दुर्घटना में कवरेज। • सफर में सामान खो जाने पर पैसों का भुगतान । • जरुरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती मरीज़ के परिवार के एक सदस्य को आने जाने का खर्चा दिया जाता है। • सफर के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को मुआवज़ा, और मृत शरीर को घर तक पहुँचाने का खर्चा दिया जाता है। |
• 24 x 7 इमरजेंसी में सहायता • इसके साथ मेडिकल इंश्योरेंस भी लिया जा सकता है। • पॉलिसी लेने से पहले मेडिकल चेक अप की जरुरत नहीं है। • पॉलिसी में कवर्ड वजहों से कनेक्टिंग फ्लाइट मिस होने पर कंपनसेशन मिलता है। • सफर के दौरान मृत्यु होने पर मृत शरीर को घर तक पहुँचाने का खर्चा दिया जाता है। |
क्या शामिल नहीं है? | • अगर आप डॉक्टर की सलाह के विरुद्ध सफर करते हैं ,पहले से मौजूद बीमारी के लक्ष्णों के साथ सफर कर रहे हैं, या इलाज के लिए सफ़र कर रहे हैं । • दांत से जुडी समस्या के साथ सफर कर रहे हैं। • नशे की हालत में हैं , या स्वयं किसी भी तरह के नुकसान का कारण बनते हैं। |
• अगर आप डॉक्टर की सलाह के विरुद्ध सफर करते हैं ,पहले से मौजूद बीमारी के लक्ष्णों के साथ सफर कर रहे हैं, या इलाज के लिए सफ़र कर रहे हैं। • अगर पासपोर्ट की चोरी या गुम हो जाने का रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर नहीं किया जाता तो उसकी जिम्मेदारी शामिल नहीं है। • नशे में ,या गैर क़ानूनी काम करते हुए होने वाला कोई भी नुकसान। |
• कॉस्मेटिक सर्जरी • जोखिम भरे खेलों में दुर्घटनाग्रस्त होना। • विदेश में गैरकानूनी काम करना। • स्वयं को खुद हानि पहुँचाना। • जो भी चीज़ें पॉलिसी के दायरे से बहार है , वह कवर्ड नहीं होते • युद्ध के दौरान कोई भी क्लेम नहीं बनता। |
• पहले से बताये गए कारणों की वजह से सफर में देरी होना। • चेक्ड इन सामान में थोड़ा बहुत नुकसान होना। • वह मेडिकल कंडीशन कवर नहीं होती , जो पहले से इंश्योरेंस कंपनी को बताई न गई हो। • जो भी चीज़ें पॉलिसी के दायरे से बाहर है , वह कवर्ड नहीं होते • युद्ध के दौरान कोई भी क्लेम नहीं बनता। • गैर क़ानूनी काम करते हुए किसी भी तरह का होने वाला नुकसान कवर्ड नहीं होता। |
• पॉलिसी लेने से पहले की बीमारियाँ शामिल नहीं है। • आँखों से जुडी बीमारी शामिल नहीं है। • रूटीन चेक अप और रूटीन की दवाइयाँ इसमें शामिल नहीं है। |
• अगर प्लान लेने से पहले की किसी बीमारी के साथ सफर कर रहे हैं, तो वह इंश्योरेंस में शामिल नहीं होता। • गर्भावस्था से जुडी किसी भी तरह की समस्या इंश्योरेंस में शामिल नहीं होता। • कॉस्मेटिक या प्लास्टिक सर्जरी का खर्चा। • कोई भी बीमारी जिसका इलाज वापस अपने देश में आ कर किया जा सकता है। • अपनी लापरवाही से होने वाला चोरी या नुकसान। • जानबूझकर किये गए खतरनाक काम या खतरनाक एडवेंचर से नुकसान। • गैर कानूनी काम करना , या खतरनाक खेल में भाग लेकर घायल होना । • डॉक्टर की सलाह के विरुद्ध सफर करना। • आत्महत्या से जुड़ा खर्चा या नशे की हालत में स्वयं किसी भी तरह के नुकसान का कारण बनना। • युद्ध जैसे हालात वाली जगहों में सफर करना। |
थर्ड पार्टी के द्वारा ट्रिप कैंसिल करना, ट्रिप कैंसिलेशन में कवर नहीं होता। • ट्रिप से जल्दी वापस आने पर रिफंड नहीं है। • पॉलिसी लेने से पहले की बीमारी कवर्ड नहीं है। • एडवेंचर स्पोर्ट्स में होने वाली दुर्घटना कवर्ड नही है। • रुपये पैसे , क्रेडिट कार्ड , टिकट, चाबी का खो जाना शामिल नहीं है। • आमतौर पर गर्भावस्था से जुड़े हालात कवर नहीं होते। • युद्ध जैसे हालात में होने वाले नुकसान कवर्ड नही है। • चोरी से जुडी किसी भी वारदात को अगर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट नहीं किया जाता , तो वह नुकसान कवर नहीं होता। • नशे की हालत में , या खुद अपनी गलती से किसी भी तरह के नुकसान का कारण बनते हैं, तो वह इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता । |
यात्रा बीमा के क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
बीमा कंपनिया | बीमा कंपनी के पास कितना प्रीमियम आया (करोड़ में) | बीमा कंपनी ने कितने क्लेम पास करे (करोड़ में) | क्लेम सेटलमेंट रेश्यो % |
रिलायंस | 671.16 | 715.08 | 106.54% |
युनिवर्सल सोम्पो | 133.06 | 138.6 | 104.17% |
भारती एक्सा | 99.79 | 98.29 | 98.50% |
इफको टोकियो | 499.08 | 452.62 | 90.69% |
आदित्य बिरला | 151.98 | 135.35 | 89.05% |
फ्यूचर जनरली | 256.26 | 224.03 | 87.42% |
बजाज आलियांज | 1331.6 | 1033.47 | 77.61% |
लिबर्टी जनरल | 101.25 | 75.51 | 74.58% |
एडलवाइस | 0 | 0 | 70.01% |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड | 1349.32 | 921 | 68.26% |
एक्को | 0.08 | 0.05 | 65.02% |
अपोलो म्यूनिख | 1264.34 | 789.88 | 62.47% |
स्टार हेल्थ | 2739.6 | 1692.02 | 61.76% |
रॉयल सुंदरम | 251.76 | 154.6 | 61.41% |
टाटा एआईजी | 418.28 | 253.82 | 60.68% |
गो डिजिट | 1.76 | 1.05 | 60% |
एसबीआई जनरल | 806.21 | 426.76 | 52.93% |
एचडीएफसी एर्गो | 805.11 | 423.3 | 52.58% |
रेलिगेयर | 679.67 | 353.21 | 51.97% |
श्रीराम | 2.27 | 1.15 | 50.83% |
मैक्स बूपा | 575.85 | 289.02 | 50.19% |
कोटक महिंद्रा | 15.1 | 7.28 | 48.21% |
सिगना टीटीके | 266.14 | 123.2 | 46.29% |
चोलामंडलम एमएस | 339.16 | 135.53 | 39.96% |
मैग्मा एचडीआई | 3.38 | 1.18 | 34.93% |
रहेजा क्यूबीई | 0.13 | 0.02 | 18.19% |
डीएचएफएल | 16.87 | 1.33 | 7.89% |
टेबल की जानकारी - ऊपर दी हुई टेबल की सभी जानकारी IRDA की वार्षिक रिपोर्ट 2017-2018 (स्टेटमेंट 15 ) से ली गई है | इंश्योरेंस रेगूलट्ररी डेवेलपमेंट औथोरिटी या IRDA हर साल अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सभी इंश्योरेंस कंपनीयो का प्रमुख डाटा उपलब्ध कराती है | आप इस डाटा को IRDA की वेबसाइट पर भी पढ़ सकते है | (IRDA वेबसाइट)
*यात्रा बीमा, हेल्थ इंश्योरेंस और पर्सनल एक्सीडेंट एक साथ दिए गये है। ।