मोटर इंश्योरेंस दो तरह की स्थिति में आपके काम आता है।
एक : अगर आपकी गाड़ी चोरी हो जाए तो आप मोटर इंश्योरेंस से अपना नुक्सान क्लेम कर सकते है।
दो : अगर एक्सीडेंट की वजह से आपकी गाडी को कोई नुक्सान होता है या आपकी गाड़ी से किसी और को जान या माल की हानि होती है.... तब भी मोटर इंश्योरेंस आपके सभी खर्चो को कवर करता है
कार बीमा के अन्दर अगर आपकी गाड़ी का सड़क पर एक्सीडेंट हो जाए , गाड़ी चोरी हो जाए, गाड़ी में आग लग जाए या किसी भी कारण से गाड़ी को नुक्सान पहुँचे। तब मोटर इंश्योरेंस आपके सभी खर्चो को कवर करता है
हमारे देश में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस मोटर इंश्योरेंस लेना अनिवार्य हैं यानी की अगर एक्सीडेंट की वजह से आपकी गाड़ी से किसी और को जान या माल की हानि होती है तो मोटर इंश्योरेंस सामने वाले का सब नुक्सान भरता है।
कार इंश्योरेंस या मोटर बीमा में प्रमुख रूप से दो प्रकार के कवर उपलब्ध हैं।
• थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर
• कॉम्प्रिहेंसिव कवर
यह कवर कानून के अनुसार जरुरी है। कार इंश्योरेंस में थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर की जरुरत तब पड़ती है जब आपकी गाड़ी से किसी अन्य व्यक्ति का कोई नुकसान हो जाता है और बीमा कंपनी आपकी और से उसका भुगतान करती है।
कार इंश्योरेंस में पर्सनल एक्सीडेंट की जरुरत पड़ती है जब अचानक सड़क पर कोई एक्सीडेंट हो जाता है और उसमे लगी चोट या अपाहिज होने की वजह से हॉस्पिटल में इलाज का बहुत सा खर्चा होता है। अगर आपने यह -कवर लिया है तो उसमे बीमा कंपनी अस्पताल में इलाज के सरे खर्च का भुगतान करती है।
कार इंश्योरेंस में कॉम्प्रिहेंसिव कवर बहुत ही फायदेमंद है और आजकल ज़्यादातर लोग यही प्लान लेना पसंद करते है। कॉम्प्रिहेंसिव कवर यानी कि पूरी कवरेज पालिसी होती है जिसमें आपको गाड़ी के इंजन की सुरक्षा , गाड़ी की कीमत जो समय के साथ कम होती है और उसके कम होने से हुआ नुक्सान या अगर दुर्घटना में आपको कोई चोट लगती है और उसका इलाज कराने में जो खर्च आता है वो भी कंपनी देती है। इसके अलावा गाड़ी चोरी होने या एक्सीडेंट में सामने वाली पार्टी को हुए नुक्सान की भी कवरेज मिलती है।
नहीं। जिस समय आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ, उस समय अगर आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो क्लेम नहीं दिया जाता।
कार इंश्योरेंस आपको कितना प्रीमियम देना होगा ये कुछ बातों पर निर्भर करता है जैसे की
- कार कोन से साल की बनी है या कितनी पुरानी है - अकसर पुरानी गाड़ी का प्रीमियम ज्यादा आता है।
- कार का कोन सा मॉडल है (बड़ी गाड़िया जैसे की स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल के प्रीमियम ज्यादा होते है )
- कार में CNG लगी है या नहीं
कार इंश्योरेंस आप एक साल के लिए ही ले सकते है जो हर साल के अंत रिंनिउ कराना पड़ता है।
हाँ पर साल के अंत में। इंश्योरेंस ख़तम होने से पहले जब आप अपना रिंनिउ करते है उससे पहले आप अपनी इंश्योरेंस की कंपनी बदल सकते है।
हाँ अगर आपने पुरे साल में कोई क्लेम नहीं किया है तो आपको एक बोनस जिसको “नो क्लेम बोनस” भी बोलते है वो आपको दिया जायेगा और आपका अगले साल का प्रीमियम कम हो जायेगा।
कार इंश्योरेंस लेने के लिए मुख्य तौर पे आपका ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के दस्तावेज RC की कॉपी और कभी कभी गाड़ी आपकी है उसका प्रमाण मांगते है।
कार इंश्योरेंस के क्लेम लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती है
- RC की कॉपी
- आपका ड्राइविंग लाइसेंस
- गाड़ी की रिपेयर कराने का गेराज का बिल
हाँ इन सब बातों को गौर करने से आप कार इंश्योरेंस का प्रीमियम कम करवा सकते है
वोलंटरी एक्सेस - इस विकल्प मैं दुर्घटना के बाद आप खर्च का जितना हिस्सा देने के लिए तयार होंगे उतना प्रीमियम कम होता है।
एंटी-थेफ्ट डिस्काउंट - अगर आप गाड़ी में ARAI (ऑटोमोबाइल रिसर्च) से मानित में एंटी-थेफ्ट मशीन लगा रखी है तो भी आपका प्रीमियम कम होता है।
खास सदस्यता - अगर आप ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, डॉक्टर, आर्मी या गवर्नमेंट कर्मचारी के सदस्य हो तो आपको इंश्योरेंस प्रीमियम में छूट मिलती है।
अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी बेच रहे है और नई ले रहे तो आप अपनी इंश्योरेंस को बदलवा सकते है परन्तु आपकी नई गाड़ी के प्रीमियम का जो अंतर होगा वो आपको देना होगा।
कार इंश्योरेंस लेने से पहले यह चेक करे की कंपनी ने पिछले सालो में कितने क्लेम सेटल किए हैं और कितने गेराज (सर्विस स्टेशन) में उनकी कैशलेस सुविधा उपलब्ध है।
अगर आप पुर्जो का भी कवर लेना चाहते है तो जीरो डेप्रिसिएशन कवरेज लेना पड़ता है। इस कवरेज में सभी पुराने पुर्जे भी कवर में शामिल हो जाते हैं और नए पुर्जो के जितना कवरेज मिलता है